अखिल भारतीय गौ रक्षा महासंघ राजस्थान द्वारा राजस्थान प्रदेश मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को गौ हितों कि रक्षा हेतु भेजा 15सुत्रीय मांग पत्र
अखिल भारतीय गौ रक्षा महासंघ राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह पंवार द्वारा आज डाक के माध्यम से प्रदेश सरकार राजस्थान को लगातार बडती गौ तस्करी फर्जी तरीके से गौ रक्षक संगठनों से कि जा रही गौ तश्करी में साठसाठ तथा प्रदेश में गौवंश गौ वंश दुर्दशा हेतु महत्त्वपूर्ण कदम उठाए जाने संदर्भ में लिखा पत्र अखिल भारतीय गौ रक्षा महासंघ राजस्थान द्वारा मांग गोपालन मंत्री/डेरी उद्योग मंत्री जोराराम कुमावत, भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री राजस्थान प्रदेश सरकार से मांग करते हैं 15,सुत्रीय मांग
1. गौसेवकों की पहचान और जनगणना
सभी प्रकार के गौसेवकों (गौशाला संचालक, गौ-तस्करी विरोधी कार्यकर्ता, और गौसेवक) का डेटा संग्रहण करके पहचान पत्र जारी करें ताकि उनकी पहचान और कार्यक्षमता का सही आकलन किया जा सके।
2. गौशालाओं का सदस्यता और रजिस्ट्रेशन सिस्टम
सभी गौशालाओं को संगठन की सदस्यता प्रदान करें और उनका नियमित पंजीकरण सुनिश्चित करें ताकि इनकी जिम्मेदारियाँ और सुविधाएँ स्पष्ट रूप से निर्धारित की जा सकें।
3. गौशालाओं की नियमित रिपोर्टिंग प्रणाली
सभी गौशालाओं से मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक रिपोर्ट संकलित करें, ताकि गौशालाओं की स्थिति, सुविधाओं, और आवश्कताओं की सही जानकारी प्राप्त हो और कार्यवाही की जा सके।
4. गौ-तस्करी की निगरानी और रिपोर्टिंग सिस्टम
एक सक्रिय नेटवर्क तैयार करें, जहाँ ग्रामीण स्तर पर गौ-तस्करी की घटनाओं की रिपोर्ट तुरंत दर्ज हो सके, ताकि समय पर रोकथाम हो सके। इसके लिए स्थानीय स्वयंसेवकों को जागरूक और सक्रिय भूमिका दी जाए। सभी विषयों में गोवंश तश्करी में एनकाउंटर मामले बिल्कुल हो ,गौवंश वाहन साधन राजसाद हो ,गौ शालाओं को मुआवजा दिया जाए, न्यायलय में सहयोग करें
5. संगठनों और समितियों का डेटा मैनेजमेंट
सभी संगठन, संस्था, समूह और समितियों को हमारी प्रणाली में पंजीकृत कर उनकी रिपोर्टिंग प्रणाली बनाएं, ताकि मिलकर कार्य योजनाएँ बनाई जा सकें।
6. विभागवार प्रशासनिक टीम का गठन
डाटा रिपोर्टिंग, समीक्षा और निर्णय-निर्माण के लिए योग्य सदस्यों की एक सैलरी-युक्त प्रशासनिक टीम बनाएं जो प्रत्येक जिले और प्रदेश में गतिविधियों की निगरानी और डेटा संकलन में सहयोग दे सके।
7. गौ सेवा आयोग का गठन और कार्यान्वयन
प्रत्येक जिले में गौ सेवा आयोग का गठन करें, जिसमें संगठन के सदस्य शामिल हों। यह आयोग गौ सेवा के कार्यों की निगरानी करेगा, गौसेवकों की गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगा और गौ-समस्याओं के समाधान के लिए योजनाएँ तैयार करेगा।
8. मुद्दों का दस्तावेजीकरण और समाधान योजना
धरातल पर मौजूद सभी समस्याओं और चुनौतियों को लिखित रूप में दर्ज करें और उनके समाधान के लिए योजनाबद्ध कार्यवाही करें। यह सुनिश्चित करें कि समस्याओं का समाधान केवल कागजों पर न रहकर जमीन पर भी दिखे।
9. संगठन की प्रभावी कार्यप्रणाली (एक 'गौ मंत्रालय' का मॉडल)
सरकारी गोपालन मंत्रालय की तर्ज पर हमारी अपनी प्रशासनिक प्रणाली का निर्माण करें, ताकि नीतियाँ और योजनाएँ प्रभावी रूप से लागू हो सकें।
10. NGO, ट्रस्ट और दानदाताओं की भागीदारी
सभी NGO, ट्रस्ट, भामाशाह और दानदाताओं को संगठन का हिस्सा बनाकर उनके अनुभव और संसाधनों का उपयोग करें ताकि सहयोग और फंडिंग की प्रक्रिया सुचारू हो।
11. गौचर भूमि की निगरानी प्रणाली
गौचर भूमि की स्थिति की निरंतर निगरानी के लिए एक रिपोर्टिंग सिस्टम तैयार करें जिससे भूमि का संरक्षण और समुचित उपयोग सुनिश्चित हो सके।
12. गौवंश टैग का डेटा प्रबंधन
सभी गौवंश पर लगाए गए टैग का एक केंद्रीकृत डेटाबेस तैयार करें, जिससे किसी भी गौवंश की पहचान, स्थिति और उसकी स्वास्थ्य जानकारी आसानी से प्राप्त हो सके।
13. सदस्यों के लिए पहचान पत्र और प्रमाण-पत्र प्रणाली
सभी पंजीकृत गौसेवकों, गौशाला संचालकों और दानदाताओं के लिए परिचय पत्र और प्रमाण पत्र तैयार करें, ताकि उनकी भूमिका और जिम्मेदारियाँ स्पष्ट रहें। गौ सेवा समिति आयोग में गौ रक्षको गौ सेवको को ले परिवार में योग्य है,तथा सरकारी नौकरी में जगह दे धार्मिक गौ हित में योजना बनाई जाये गौ सेवी संगठनों को प्राथमिकता दें।
14नगर में कस्बे में बड़ी नंदी शाला निर्माण,हर पंचायत में,हर गांव गौशालाऐ गौ रक्षा संगठन मांग करते हैं जल्द भुमि आवंटित हो ,नस्ल सुधार उत्कृष्ट गौवंश खाद जैविक खेती देशी घी दुध गोबर गोमूत्र उत्पादन साम्रगी आत्मनिर्भरता पर काम हो। 15 मंदिरों, पुजारियों, और संतों का एक सामुदायिक डेटाबेस बनाएं। मंदिर समिति संतों का जिससे इनका सक्रिय सदस्यता रजिस्ट्रेशन हो सके और संगठनात्मक गतिविधियों में उनका सहयोग मिल सके। माफि नाम जमीन पर गौ संवर्धन नंदी शाला निर्माण कार्य शुरू हो गौशालाओ का निर्माण सेवा हो ,सभी मंदिरों में भोग व्यवस्था का प्रबंधन व्यवस्था हो गौवर्ती व्यवस्था स्थापित हो जैसा धर्म संस्कृति को बढ़ावा दे सकते हैं
प्रदेश सरकार को आग्रह है निम्न प्रकार से सनातन धर्म संस्कृति सभ्यता कि रक्षा हो उस पर कार्य प्रारंभ करें,
यह प्रस्ताव अधिक व्यावहारिक और कार्यान्वित करने योग्य है। इसे गाँव-गाँव और क्षेत्रीय स्तर पर लागू करने में अधिक सहयोग और भागीदारी मिलने की संभावना बढ़ेगी हम सभी गौ रक्षा संगठन प्रदेश सरकार से मांग करते हैं ,अखिल भारतीय गौ रक्षा महासंघ राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष, महाराष्ट्र प्रभारी जितेंद्र सिंह पंवार, विधानसभा क्षेत्र मनोहरथाना
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