आरबीएसके में 38 प्रकार की बीमारियों के निशुल्क उपचार की सुविधा शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों का होता है उपचार
श्योपुर, 02 मार्च 2025
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये है कि शासन की मंशा के अनुरूप राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत प्रचार-प्रसार करते हुए इस योजना के माध्यम से गंभीर बीमारियों से पीडित बच्चों को उपचार उपलब्ध कराया जायें। उन्होने आमजन से अपील की है कि ऐसे बच्चे जो दिल में छेद, मूक बधिर, कान बहना, मोतियाबिंद आदि बीमारियों से पीडित हो अथवा कटे-फटे होठ, तालू, मुडे हुए पैर, पीठ अथवा सिर में फोडा होना आदि से ग्रसित है, उनको उक्त कार्यक्रम के तहत निशुल्क उपचार एवं ऑपरेशन की सुविधा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर के सुपर स्पेशलिटी अस्पतालो में कराये जाते है। इसके तहत शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों का निशुल्क उपचार होता है तथा संबंधित अस्पताल द्वारा ऑपरेशन के बाद फॉलोअप भी किया जाता है। बच्चें के परिजनो को एक रूपये की राशि भी नही देना पडती है। संबंधित अस्पताल को शासन की ओर से राशि भेज दी जाती है। उन्होने कहा कि ऐसे बच्चोें के उपचार के लिए नाम सीएमएचओ कार्यालय स्थित आरबीएसके प्रभारी श्रीमती स्नेहलता गुर्जर को दर्ज कराये जा सकते है। इन बच्चों का प्रारंभिक परीक्षण श्योपुर में ही आरबीएसके के चिकित्सको द्वारा किया जाता है तथा उपचार की संपूर्ण प्रक्रिया ऑफिस द्वारा ही की जाती है। परिजनो को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नही होती है।
आरबीएसके प्रभारी श्रीमती स्नेहलता गुर्जर ने बताया कि उक्त कार्यक्रम के तहत शून्य से 18 वर्ष के किसी भी समुदाय, जाति के बच्चों का निशुल्क उपचार कराया जाता है। इसमें मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना के तहत कॉकलियर इम्प्लांट के साथ ही मुख्यमंत्री बाल हद्य उपचार योजना में दिल की बीमारी जैसे दिल में छेद होना आदि का ऑपरेशन निशुल्क रूप से कराया जाता है। इसके अलावा आरबीएसके कार्यक्रम में कुल 38 तरह की बीमारियों का उपचार होता है। इस योजना में लाभ लेने के लिए केवल एक ही शर्त है कि बच्चा श्योपुर जिले का निवासी हो। उन्होने बताया कि ऐसे बच्चो के मामले में जानकारी फोन पर भी दी जा सकती है, जिसे कार्यालय स्तर से फॉलोअप करके बच्चें को निशुल्क उपचार कराया जा सकें।
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