बाबा साहब अंबेडकर जयंती पर संगोष्ठी आयोजित, समरसता का दिया गया संदेश
श्योपुर, 15 अप्रैल 2025।
भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर श्योपुर जिले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी क्रम में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. अंबेडकर के जीवन, विचारों और योगदान पर विस्तृत चर्चा की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की पूजा एवं डॉ. अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई। संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य डॉ. ओ. पी. शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर सामाजिक और आर्थिक न्याय के प्रथम पुरोधा थे और उनके विचार आज भी समाज के लिए मार्गदर्शक हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रवि अंबे, प्राध्यापक (बाल एवं शिशु रोग विभाग), गजराज मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर एवं कार्य परिषद सदस्य, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर रहे। उन्होंने डॉ. अंबेडकर के जीवन के अनछुए पहलुओं को प्रमाणिक तथ्यों के साथ साझा करते हुए कहा कि "राष्ट्र उनके लिए सर्वोपरि था और उन्होंने सदैव समावेशी भारत की कल्पना की।"
विशिष्ट अतिथि श्री सचिन शर्मा ने बाबा साहब की अद्वितीय शैक्षणिक उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि वे 32 विषयों में डिग्रियाँ और 9 भाषाओं में प्रवीणता रखते थे। उन्होंने कहा कि "डॉ. अंबेडकर न केवल संविधान निर्माता थे, बल्कि एक दूरदर्शी शिक्षाविद् भी थे।"
जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष मनोज सर्राफ ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने स्वतंत्रता, समानता और बंधुता के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया। वहीं डेयरी एवं पशु विभाग के सहायक संचालक डॉ. सुभाष दोहरे ने उनके जीवन संघर्षों का उल्लेख करते हुए कहा कि “डॉ. अंबेडकर ने कलम को हथियार बनाकर समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए।”
कार्यक्रम में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देते हुए महाविद्यालय के सफाई कर्मियों गणेश धूलिया, महेंद्र पवार और गणेश सिंगोर का माल्यार्पण कर शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सीमा चौकसे ने किया एवं आभार प्रदर्शन डॉ. लोकेन्द्र सिंह जाट द्वारा किया गया।
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