समूह की महिलाओं से अपील: खेतों में नरवाई न जलायें श्योपुर जिले में पराली प्रबंधन को लेकर जागरूकता अभियान तेज
श्योपुर, 22 अप्रैल 2025
श्योपुर जिले में पराली प्रबंधन को लेकर प्रशासन द्वारा व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा के नेतृत्व में किसानों को खेतों में नरवाई (पराली) न जलाने के लिए निरंतर जागरूक किया जा रहा है।
इस कड़ी में मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूहों की लगभग 65 हजार महिला सदस्यों को भी इस अभियान से जोड़ा गया है। डीपीएम श्री सोहन कृष्ण मुदगल ने समूह की महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपने परिवारजनों एवं आसपास के किसानों को पराली न जलाने की समझाइश दें।
पराली जलाने से पर्यावरण और जमीन को होता है नुकसान
मुदगल ने बताया कि नरवाई जलाने से न केवल भूमि के पोषक तत्व नष्ट होते हैं बल्कि यह पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान पहुँचाता है। इसके अलावा आगजनी की घटनाओं का भी खतरा बना रहता है।
पराली प्रबंधन के वैकल्पिक उपाय
किसानों को पराली जलाने के स्थान पर वैकल्पिक उपायों को अपनाने की सलाह दी गई है।
इनमें प्रमुख रूप से:
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स्ट्रॉ रीपर
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सुपर सीडर
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रोटा वेटर
जैसे आधुनिक उपकरणों के माध्यम से गेहूं के डंठल को खेत में ही नष्ट किया जा सकता है। इससे जमीन की उर्वरता में वृद्धि होती है और कार्बनिक पदार्थों की मात्रा भी बढ़ती है।
महिलाएं बने प्रेरणास्रोत
डीपीएम ने यह भी अपील की कि समूह की महिलाएं स्वयं खेतों में नरवाई न जलायें और साथ ही अपने गाँव और समाज में दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। महिलाओं की सक्रिय भूमिका इस अभियान को जन-आंदोलन में बदलने की क्षमता रखती है
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